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Raah Ke Phool: Hindi Translation of "Flowers on Path": प्रस्तुत पुस्तक पाठकों के लिए एक गुलदस्ता है; यह द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के स्तंभ 'द स्पीकिंग ट्री' में धारावाहिक रूप से प्रकाशित सद्गुरु के... Read more below in the Description...
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ISBN 13 | 978-8183227216 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Edition | 1st |
Publishers | Manjul Publishing House Pvt Ltd |
Category | Personal Development & Self-Help |
Weight | 194.00 g |
Dimension | 13.00 x 1.00 x 20.00 |
Product Details
प्रस्तुत पुस्तक पाठकों के लिए एक गुलदस्ता है; यह द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के स्तंभ 'द स्पीकिंग ट्री' में धारावाहिक रूप से प्रकाशित सद्गुरु के आलेखों का संग्रह है I इन रचनाओं ने एकरसता और अशांति से घिरे लोगों के जीवन में नित्य प्रति सौंदर्य, हास्य, स्पष्टता और विवेक की शीतलता प्रवाहित की है I स्टॉक बाज़ार के उतार चढाव और अंतराष्ट्रीय मसलों से संबंधित सामग्री, पाठकों के जीवन में आशातीत अंतर्दृष्टि और सुकून देने वाली सिद्ध हुई है I
सद्गुरु के मौलिक विचारों, स्पष्ट टिप्पणियों और समसामयिक मसलों पर दिए गए बयानों ने कभी कभी विवाद उत्पन्न किये हैं, किन्तु उनसे राष्ट्रीय बहस में एक अलग रंगत और जीवंतता का संचार हुआ है I रूढ़ियों और परंपरागत विचारों से अलग नए दृष्टिकोण जगा कर पाठकों को चौंका देने वाली ये रचनाएँ, अपनी सौम्य सुगंध से भोर को भिगोते फूलों की ही तरह उत्साह और प्रेरणा प्रदान करती है I
हमारी नज़रों के सामने खिले फूलों की तरह इनमें आग्रहपूर्ण आमंत्रण है I सुवास का आमंत्रण है I सुवास का आमंत्रण सुवास जो मदहोश कर देती है, जो हमें याद दिलाती है कि जीवन कोई उलझी हुई पहेली नहीं है, बल्कि एक राज़ है जिसे अनुभव किया जा सकता है I